अशोकनगर
करीला मेले के समापन के बाद मंदिर की दान पेटी में आए श्रद्धालुओं के दान की गिनती हो रही है। श्रद्धालुओं ने मां जानकी के दरबार में दिल खोल के दान किया है। करीला मंदिर में तीन दिन के मेले में श्रद्धालुओं ने 26 लाख 11 हजार 100 रुपए नगद दान किया है तो वहीं विदेशी करेंसी भी मां जानकी के लिए श्रद्धालुओं ने अर्पित की है। सोने- चांदी के जेवर भी मां जानकी के दरबार में श्रद्धालुओं ने चढ़ाए हैं।
तीन दिन तक चलता है मेला
उल्लेखनीय की रंग पंचमी पर करीला में मां जानकी के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन किए। इस दौरान तीन दिवसीय इस मेले में दान पेटियों में आए दान के चढ़ावे की गिनती प्रशासन की देखरेख में की गई। इस दौरान दो दर्जन से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने मंदिर के दान पात्रों से निकले पैसों की गिनती की। जिन्हें गिनते- गिनते कर्मचारियों की हालत खराब हो गई। दान के पैसों की गिनती करने में 7 घंटे का समय लगा।
निकले विदेशी सिक्के, मन्नत के पत्र भी
करीला मेले में मां जानकी के दरबार में न केवल लोगों ने विदेशी मुद्रा वाले नोट और ब्रिटिश कालीन सिक्के चढ़ाए हैं, बल्कि अपनी मन्नत के पत्र भी मां जानकी को अर्पित किए हैं। साथ ही दान पात्रों में सोने व चांदी के आभूषण भी मिले हैं। जिन्हें बैंकों के लॉकर में रखा जाएगा। मंदिर में चढ़ाए गए नारियल की नीलामी से भी मंदिर को लगभग 3 लाख की आमदनी हुई है।
11 बोरियों में रखे गए सिक्के
मंदिर के दान पात्रों से कर्मचारियों के द्वारा केवल 500, 200, 100, 50, 20, 10 के नोटों की ही गिनती की गई है। सिक्कों की गिनती अभी बाकी है। ऐसे में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए सिक्कों को अभी प्रशासन ने 11 बोरियों में भर कर रख दिया है। इसका वजन क्विटंलों में है।
टूटे पिछले रिकॉर्ड
रंग पंचमी के मेले में आने वाले दान की राशि को देखा जाए तो 2012 से अब तक की सबसे ज्यादा राशि अभी दान में आई है। इस राशि ने मेले के पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।