लखनऊ डेस्क/ बसपा सुप्रीम मायावती ने शनिवार को ये आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीजेपी की नाकामियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए धर्मांतरण से जुड़े मुद्दे उठा रही है। उन्होंने कहा, “यूपी सहित पूरे देश में फैली प्रचंड महंगाई, ग़रीबी, बेरोज़गारी, हिंसा, तनाव और अव्यवस्था आदि के अभिशाप के दिन-प्रतिदिन के जान के जंजाल से पीड़ित करोड़ो जनता का ध्यान बंटाने के लिए ही आरएसएस द्वारा अब ख़ासकर नई जनसंख्या नियंत्रण नीति व धर्मांतरण आदि का बेसुरा राग अलापा जा रहा है जो घोर अनुचित है। “
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान कहा, “वास्तव में आरएसएस का ये अभियान आगामी लोकसभा आम चुनाव से पहले भाजपा और इनकी सरकार के पक्ष और समर्थन में एक सोची-समझी रणनीति के तहत ही किया जा रहा है जिससे लोगों को सजग और सावधान करते रहना बहुत ज़रूरी है। “
पार्टी की ओर ये ट्विटर पर जारी इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “ये विडंबना ही है कि आरएसएस बीजेपी को हर चुनाव में आंख बंद करके पूरे जी-जान से मदद करती है, किंतु भाजपा सरकार की गलत और जनविरोधी नीतियों का कभी भी खुलकर विरोध नहीं करती है. देश के वर्तमान खराब हालत पर उसकी चुप्पी दुखद ही नहीं बल्कि घातक भी है। ” मायावती की ये प्रतिक्रिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसाबाले के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि धर्मांतरण और बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के कारण देश में जनसंख्या का असंतुलन पैदा हो गया है।