अररिया
फारबिसगंज थाना क्षेत्र के फुलवरिया हाट के पास 11 फरवरी को हुई 2.15 लाख रुपये की छिनतई के मामले का पुलिस ने चार दिनों के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। इस सनसनीखेज मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। घटना की मुख्य सूत्रधार कोई और नहीं बल्कि खुद शिकायतकर्ता जीविका दीदी निकलीं। पुलिस जांच में पता चला कि टेढ़ी मुसहरी, वार्ड संख्या 3 की रहने वाली कंचन भारती (27 वर्ष) पति सहदेव मेहता ने अपने भांजे विजय कुमार मेहता (32 वर्ष), निवासी बैजनाथपुर, जोगबनी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। उनका उद्देश्य जीविका स्वयं सहायता समूह के पैसे को हड़पना था।
पुलिस ने बरामद किए रुपये और सामान
फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों के पास से 2.15 लाख में से 1.69 लाख रुपये, छीना गया पर्स, मोबाइल, घटना में प्रयुक्त एक्सट्रीम बाइक, हेलमेट, दो मोबाइल, एक अन्य बाइक, और अपराध के दौरान पहने गए कपड़े (पैंट, शर्ट, जूते) बरामद किए गए।
कैसे हुआ मामला उजागर?
घटना के बाद पुलिस ने एसआईटी टीम बनाई, जिसका नेतृत्व एसडीपीओ कर रहे थे। शहर के विभिन्न सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई, जिससे संदिग्धों की पहचान हुई। फिर तकनीकी टीम की मदद से अपराधी की लोकेशन ट्रेस की गई। इसके आधार पर पुलिस ने नरपतगंज, फुलकाहा, सुपौल, छातापुर, प्रतापगंज, करजैन बाजार सहित कई स्थानों पर छापेमारी की।
मुकेश कुमार साहा ने बताया कि गिरफ्तार विजय कुमार मेहता ने पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार किया, जिसके बाद 1.69 लाख रुपये बरामद किए गए। विजय ने बताया कि 46,000 रुपये उसने खर्च कर दिए। उसके बयान के आधार पर मुख्य सूत्रधार कंचन भारती को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या थी साजिश?
जीविका समूह के पैसे हड़पने के लिए कंचन भारती ने अपने भांजे के साथ मिलकर यह योजना बनाई। उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए स्वयं को पीड़िता दिखाया और मामला दर्ज कराया, लेकिन पुलिस की जांच में जल्द ही उसकी संलिप्तता उजागर हो गई।
छापेमारी टीम में ये अधिकारी रहे शामिल
इस ऑपरेशन में थानाध्यक्ष राघवेन्द्र कुमार सिंह, अपर थानाध्यक्ष आदित्य किरण, एसआई राजनंदनी सिन्हा, प्रीति कुमारी, अमरेन्द्र कुमार सिंह, राजा बाबू पासवान, अमित राज, सोनी कुमारी, एएसआई संजीव कुमार सहित सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।