कन्नौज डेस्क/ राजस्थान में एक ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर बिहारी लाल (45) ने अपने गांव के एक जनसेवा केंद्र से बैंक ऑफ इंडिया के अपने जनधन खाते से 100 रुपये निकाले। कुछ मिनट बाद, उसे एक एसएमएस मिला, जिसमें उसके खाते में शेष राशि 2,700 करोड़ रुपये की दिखाई गई।
वह उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में अपने पैतृक स्थान पर था, क्योंकि मानसून सीजन के कारण ईंट-भट्ठा इकाई बंद थी। बिहारी लाल को जब यकीन नहीं हुआ तो वह बैंक मित्र के पास गया। उन्होंने खाते की जांच की और उसके खाते में शेष राशि 2,700 करोड़ रुपये होने की पुष्टि की।
बिहारी लाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “फिर मैंने उनसे अपना खाता दोबारा चेक करने को कहा, जिसके बाद उन्होंने तीन बार चेक किया। जब मुझे विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने बैंक स्टेटमेंट निकाल कर मुझे दे दिया। मैंने देखा कि मेरे खाते में 2,700 करोड़ रुपये हैं।”
हालांकि, उसकी खुशी चंद घंटे ही कायम रही, क्योंकि जब वह अपना खाता चेक करने के लिए बैंक की शाखा में पहुंचा, तो उसे बताया गया कि शेष राशि सिर्फ 126 रुपये है। बाद में बैंक के प्रमुख जिला प्रबंधक अभिषेक सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि खाते की जांच की गई और उसमें केवल 126 रुपये थे।
उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट रूप से एक बैंकिंग त्रुटि हो सकती है। बिहारी लाल के खाते को कुछ समय के लिए जब्त कर लिया गया है और मामला बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है।”
बिहारी लाल राजस्थान में एक ईंट-भट्ठे पर मजदूर के रूप में काम करता है और प्रतिदिन 600 से 800 रुपये कमाता है, मगर बरसात के मौसम में ईंट-भट्ठा बंद रहने के कारण फिलहाल वह इतना भी नहीं कमा पा रहा है।
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