भीमताल हिल और लेक सिटी जो कि नैनीताल हिल स्टेशन से सत्ता हुआ है, जो अपनी कई खास जगहों के लिए जाना जाता है। भीमताल के पास नीम करोली बाबा कैची धाम आश्रम और पहाड़ के देवता गोलू जी महाराज का अद्भुत मंदिर ये भी प्रमुख आकर्षण है । दिल्ली से 7 से 8 घंटे की दूरी पर ये हिल स्टेशन वीकेंड पर घूमने के लिए सबसे बेहतर है। इसके अलावा, यह पर्यटन स्थल अपने प्राचीन मंदिरों, आश्चर्यजनक पर्वत चोटियों, आकर्षक झीलों और सदाबहार चरागाहों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के नाते, भीमताल में बहुत सारे छिपे हुए खजाने और घूमने लायक जगहें हैं जिन्हें आप देख सकते हैं। भीमताल अपने अद्भुत परिदृश्यों और शांत वातावरण के लिए भी प्रसिद्ध है, जो हर पर्यटक को इस जगह को कभी नहीं छोड़ने के लिए बाध्य करता है।
भीमताल के सुंदर झील नैनीताल से 22 किलोमीटर की दूरी तथा समुद्र तल से 1370 मीटर ऊंचाई पर स्थित है । भीमताल की झील पर्यटकों के लिए बहुत मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती है । यह झील नैनीताल के झील से बड़ी है इसी लिए इसको भीमताल कहते है । पर्यटक यहॉ पर नौकायान का भी आनंद ले सकते हैं । यहॉ का एक और आकर्षण झील के मध्य स्थित टापू पर बना मछलीघर है । पर्यटक इस मछलीघर पर नाव द्वारा आ जा सकते हैं । झील तट से टापू की दूरी 98 मीटर है । यहॉ पर सत्रवहीं शताब्दी का बना भगवान भीमेश्वर महादेव का मंदिर है । इसी के परिसर से लगा हुआ 40 फीट ऊंचा बांध भी है जोकि भीमताल झील के स्वरूप को बानाता है तथा सिंचाई कार्य में मदद करता है । इसी के पास बस स्टेशन एवं टैक्सी स्टेशन हैं । यहॉ से एक सडक नौकुचियाताल एवं जंगलियागॉंव को जाती है। दूसरी तरफ काठगोदाम शहर और रेलवे स्टेशन18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
साथ ही Bhimtal की झील के बारे में पौराणिक कहानी प्रचलित है कहा जाता है कि वनवास के दौरान भीम ने जमीन पर अपनी भारी भरकम गदा से इसी स्थान पर प्रहार किया था उस प्रहार के बाद धरती से पानी की धारा बहने लगी और यहाँ एक भीमकाय झील बन ग। जिसे भीमताल नाम से जाना जाने लगा।
भीमताल का इतिहास
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भीमताल के इतिहास की बात करे तो भीमताल का इतिहास नैनीताल से भी पुराना है। कहा जाता है जब पांडव वनवास पर थे तो सबसे बलशाली योद्धा भीम ने इस जगह पर अपना कुछ समय व्यतीत किया था और भीम के नाम पर इस जगह को भीमताल (भीम-ताल) कहा जाने लगा। यह बात भी प्रचलित है कि उस समय भीम ने यहाँ झील के किनारे भगवान् शिव का भीमेश्वर महादेव मंदिर भी बनाया था।
भीमताल घूमने जाने के लिए अच्छा समय
भीमताल जाने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों के समय होता है, वैसे तो आप यहां की यात्रा साल भी कभी भी कर सकते हैं। गर्मियों में ठंडी हवा और गर्मी का मिश्रण होता है। अगर आप भीमताल का पूरा आनंद लेना चाहते हैं तो मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर के दौरान यात्रा कर सकते हैं। यह मौसम यहां साहसिक गतिविधियों में लिप्त होने के लिए एकदम सही है। सर्दियाँ यहां बेहद ठंडी होती हैं, लेकिन यह समय बर्फ से ढके पहाड़ों और भीमताल की प्राचीन झीलों को देखने के लिए अच्छा समय है। मानसून का पूरे स्थान को हरे-भरे हरियाली से ढंक देता है; हालांकि यात्रा करने के लिए बारिश का मौसम सही नहीं है।
भीमताल उत्तराखंड कैसे पहुँचे
अगर आप भीमताल की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा भीमताल से लगभग 58 किमी दूर स्थित पंतनगर हवाई अड्डा है और यह सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। भीमताल उचित सड़क नेटवर्क के माध्यम से प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और परिवहन का बेहतर तरीका है।