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वर्ल्ड डिसएबिलिटी डे पर स्पास्टिक्स सेंटर के दिव्यांग बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां

वर्ल्ड डिसएबिलिटी डे पर स्पास्टिक्स सेंटर के दिव्यांग बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां
  • स्पास्टिक्स सेंटर के 35 वर्षों के जश्न में दिव्यांग बच्चों ने नृत्य-नाटिका से सबका मन मोहा
  • बच्चों की प्रतिभा ने यह संदेश दिया कि दिव्यांगता उनकी क्षमताओं की सीमा नहीं है
  • शिवांशु चौधरी के देशभक्ति गीत ने कार्यक्रम के समापन पर जोश और गर्व का माहौल बना दिया

TIL Desk कानपुर:👉 शनिवार, 21 दिसंबर को, स्पास्टिक्स सेंटर ने अपने 35 वर्षों के उत्कृष्ट सेवा कार्यों और वर्ल्ड डिसएबिलिटी डे का भव्य आयोजन किया। यह कार्यक्रम आर्यनगर द स्पोर्ट्स हब में आयोजित किया गया, जिसमें दिव्यांग बच्चों और उनके परिवारों ने भरपूर उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। इस विशेष अवसर पर बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीयों के प्रज्वलन और स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद दिव्यांग बच्चों ने “पंच तत्वों” – क्षिति, जल, पावक, गगन और समीरा – पर आधारित नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की। यह प्रस्तुति जीवन के मूलभूत तत्वों की महत्ता और मानव शरीर में उनकी भूमिका को दर्शाती है। बच्चों की रंगारंग पोशाकें, भावपूर्ण अभिव्यक्तियां, और संगीत की लयबद्धता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख अतिथि पीयूष अग्रवाल ने बच्चों की प्रतिभा और उनके आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बच्चों ने अपने अनूठे प्रदर्शन के जरिए यह साबित कर दिया कि दिव्यांगता केवल एक शारीरिक स्थिति है, न कि उनकी क्षमता की सीमा।

दिव्यांग बच्चों के जीवन में बदलाव लाने वाले स्पास्टिक्स सेंटर के पुनर्वास कार्यक्रमों और प्रशिक्षणों को भी इस अवसर पर विशेष रूप से रेखांकित किया गया। इस दौरान पुनर्वास टीम द्वारा साझा की गई सफलता की कहानियों ने लोगों को प्रेरित किया और केंद्र के प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम का समापन शिवांशु चौधरी द्वारा प्रस्तुत एक देशभक्ति गीत से हुआ, जिसने सभी उपस्थितों के मन में ऊर्जा और जोश भर दिया। केंद्र की संचालिका सुचित्रा सिंह ने पीयूष अग्रवाल का धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी स्वयंसेवकों, बच्चों और परिवारों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बधाई दी।

द स्पोर्ट्स हब में आयोजित यह आयोजन समावेशी खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए समानता और अधिकारों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि दिव्यांग बच्चे किसी भी क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना सकते हैं।

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