वाशिंगटन डेस्क/ न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, शिकागो और वाशिंगटन डीसी समेत अमेरिका के कई शहरों में देशवासियों ने मिनियापोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। इनमें से कुछ स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए।
ह्यूस्टन निवासी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में 25 मई को उस समय मौत हो गई थी, जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने उसके गले को अपने घुटने से तब तक दबाए रखा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं रुक गई।
इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और बड़े पैमाने पर लूटपाट की गई, सम्पत्ति एवं स्मारकों को नुकसान पहुंचाया गया और वाहनों को आग लगा दी गई।
ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका में हालिया दशकों में इतने बड़े पैमाने पर असैन्य अशांति नहीं फैली है। रात में कई प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के कारण न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया। प्रदर्शनकारियों ने इन शहरों में कई स्थानों पर कर्फ्यू का कथित रूप से उल्लंघन किया।
वाशिंगटन डीसी में सैन्य वाहनों को व्हाइट हाउस के निकट सड़कों पर देखा गया और लफायेते पार्क में बड़ी संख्या में सशस्त्र कर्मी देखे गए। फ्लॉयड की हिरासत में मौत के विरोध में इस पार्क में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे। पुलिस की बर्बरता के खिलाफ हजारों लोगों ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च निकाला।