ओटावा डेस्क/ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार के उस वरिष्ठ अधिकारी से सहमत हैं, जिन्होंने कहा था कि उनकी भारत यात्रा को ‘विफल बनाने के लिए भारत सरकार के भीतर के धड़ों’ द्वारा एक औपचारिक रात्रिभोज में एक दोषी सिख आतंकवादी की उपस्थिति की व्यवस्था की गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा लौटने के बाद विपक्षी सांसदों ने ट्रूडो से भारत में उनके दो कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए जसपाल अटवाल को जारी आमंत्रण के बारे में पूछा, जो 1986 में भारत के एक कैबिनेट मंत्री की हत्या के प्रयास के मामले में दोषी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया कि एक सरकारी अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत सरकार के भीतर के धड़ों ने अटवाल की उपस्थिति का इंतजाम किया, क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसी किसी विदेशी सरकार के साथ ज्यादा सहज स्थिति में दिखने से रोकना चाहते थे, जिनके बारे में उनका मानना है कि वह एकीकृत भारत के लिए प्रतिबद्ध नहीं है।
इसमें कहा गया कि कंजरवेटिव्स ने अधिकारी की पहचान ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डेनियल जियान के रूप में की और उन्होंने ट्रूडो से पूछा कि वह जियान की ‘साजिश की बात’ से सहमत हैं या नहीं। विपक्षी नेता एंड्रयू शीर ने पूछा, ‘एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने ये आरोप लगाए हैं। क्या प्रधानमंत्री इससे सहमत हैं या इन आरोपों को खारिज करते हैं?’
ट्रूडो ने अधिकारी का बचाव गुणवत्तापूर्ण सलाह देने वाली पेशेवर, गैरदलगत लोक सेवा के सदस्य के रूप में किया। उन्होंने पिछली कंजरवेटिव सरकार पर लोक सेवा का प्रयोग पार्टी के हितों के लिए करने का आरोप लगाया। कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा कि वे (पिछली सरकार) यह नहीं समझते हैं कि हमारी पेशेवर, गैरदलगत लोक सेवा उच्च स्तर का कार्य करती है। जब हमारा कोई शीर्ष राजनयिक और सुरक्षा अधिकारी कनाडा के लोगों से कुछ कहता है तो यह इसलिए होता है, क्योंकि वे जानते हैं कि यह सच है।
ट्रूडो के कार्यालय का कहना है कि नई दिल्ली में एक पार्टी के लिए अटवाल का न्यौता उनका नाम अतिथि सूची में आने के तुरंत बाद हटा दिया गया था। हालांकि अटवाल इससे पहले मुंबई में एक रिसेप्शन में नजर आए थे और प्रधानमंत्री की पत्नी सोफी ग्रेगोयर ट्रूडो के साथ उनकी तस्वीर सामने आई थी। यह तस्वीर सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया था, जिसके बाद अटवाल को दिया गया निमंत्रण वापस ले लिया गया था। ट्रूडो ने अटवाल को निमंत्रण दिए जाने को गंभीर मामला बताया था।