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इजरायल की सड़कों पर जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा, हाथों में बैनर, दिलों में गुस्सा, नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन

इजरायल
इजरायल की सड़कों पर जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा है। हजारों लोग हाथों में बैनर और झंडे लिए नेतन्याहू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका साफ कहना है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार लोकतंत्र पर हमला कर रही है और गाजा में युद्ध को राजनीतिक फायदे के लिए खींच रही है। बुधवार को जेरूसलम में नेतन्याहू के आधिकारिक आवास के बाहर और तेल अवीव की मुख्य सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ उमड़ी। हाथों में इजरायली झंडे और गाजा में बंधकों की रिहाई के लिए तख्तियां लिए लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस प्रदर्शन के चलते इजरायल की कई अहम सड़कों को बंद करना पड़ा। पुलिस ने कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

नेतन्याहू पर क्यों भड़के लोग?
इस प्रदर्शन की शुरुआत इजरायल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेत के प्रमुख रोनन बार को हटाने की नेतन्याहू की कोशिशों के खिलाफ हुई थी, लेकिन इसके बाद गाजा में जारी बमबारी और युद्धविराम को तोड़ने की वजह से प्रदर्शन और तेज हो गया। गाजा पर हाल ही में हुए इजरायली हमलों में करीब 600 लोगों की मौत हुई है, जिससे देश के भीतर नेतन्याहू के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया। विदेशी ताकतों द्वारा युद्धविराम बनाए रखने की अपील को अनसुना करते हुए इजरायल ने गाजा में हवाई और जमीनी हमले तेज कर दिए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार युद्ध को राजनीतिक हथियार बना रही है और गाजा में अब भी बंधक बने 59 लोगों की रिहाई को लेकर गंभीर नहीं है। माना जा रहा है कि इन बंधकों में 24 अब भी जिंदा हैं।

नेतन्याहू का असली मकसद सत्ता बचाना?
'ब्रदर्स इन आर्म्स' आंदोलन के प्रमुख इतान हर्जेल ने कहा, "सरकार अपनी नाकामी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए जानबूझकर युद्ध को बढ़ा रही है। नेतन्याहू और उनकी सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है और अब वे सत्ता में बने रहने के लिए देश को संकट में धकेल रहे हैं।" प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया। सड़कों पर गूंज रहे नारों में कहा जा रहा था, "इजरायल तुर्की नहीं, इजरायल ईरान नहीं।"

प्रदर्शनकारी यह संकेत दे रहे थे कि नेतन्याहू देश को अधिनायकवादी शासन की ओर धकेल रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी शिन बेत इस वक्त नेतन्याहू के करीबी सहयोगियों की जांच कर रही है। इस मामले को 'कतरगेट' कहा जा रहा है। इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेतन्याहू खुद भ्रष्टाचार के कई मामलों में फंसे हुए हैं और उन पर लगे आरोप साबित होने पर उन्हें जेल भी हो सकती है।

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