लाहौर डेस्क/ आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने सोमवार को मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख आतंकी सरगना हाफिज सईद और तीन अन्य को जमानत दे दी। ख़बरों के मुताबिक, यह फैसला मदरसे की भूमि को अवैध कार्यो के लिए इस्तेमाल किए जाने के एक मामले में लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सईद के अलावा हाफिज मसूद, आमेर हमजा और मलिक जफर को 31 अगस्त तक 50,000 पाकिस्तानी रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई है। सुनवाई के दौरान, आरोपी के कानूनी वकील ने अदालत से जमानत की याचिका स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा कि जमात-उद-दावा भूमि के किसी भी टुकड़े का अवैध रूप से उपयोग नहीं कर रहा है।
इस बीच, लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने संघीय सरकार, पंजाब सरकार और काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) को सईद और उसके सात सहयोगियों द्वारा दायर याचिका के बारे में नोटिस जारी किया, जिसमें सीटीडी द्वारा एक मामले में चुनौती भी दी गई थी। एलएचसी की दो सदस्यीय पीठ ने पक्षों को दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा।
संघीय सरकार के एक वकील ने नोटिस पर आपत्ति भी जाहिर की। मगर खंडपीठ ने आपत्ति को खारिज कर दिया और 30 जुलाई तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। जुलाई की शुरुआत में दी गई संयुक्त याचिका के अनुसार, जमात-उद-दावा के नेताओं ने तथ्यों के साथ बताया कि एक जुलाई को दर्ज किए गए मामले के अनुसार उन्हें अवैध रूप से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी समूह के सदस्य के रूप में बताया गया है।
इससे पहले 3 जुलाई को, सईद और नायब अमीर अब्दुल रहमान मक्की सहित जमात-उद-दावा के प्रतिबंधित शीर्ष 13 नेताओं पर आतंकवाद निरोधी अधिनियम, 1997 के तहत आतंक के पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित लगभग दो दर्जन मामले दर्ज किए गए थे।