चंडीगढ़ डेस्क/ पंजाब में बढ़ते कोरोना के कहर को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन के उल्लंघन की इजाजत किसी को नहीं है।
इस समय महामारी के कारण गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य में सप्ताहांत में तालाबंदी और अन्य प्रतिबंधों के उल्लंघन की अनुमति दी किसी भी कीमत पर नहीं दी जा सकती। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को कुचलने का कोई सवाल ही नहीं है। केंद्र के इन कानूनों का उनकी सरकार विरोध करती है।
मुख्यमंत्री ने बीकेयू (एकता उग्राहन) और बीकेयू (एकता दकौंडा) के नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर उनकी शुक्रवार की टिप्पणी का कोई और मतलब न निकालें। उन्होंने कहा, “किसानों की जिंदगी दांव पर है, उन्हें बचाना हमारी प्राथमिकता है और उन्हें बचाना हर पंजाबी की जि़म्मेदारी है।”
सप्ताहांत के बंद का विरोध करने के संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के बीच, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक से सभी सप्ताहांत प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने और किसी भी कीमत पर किसी को भी उल्लंघन की अनुमति नहीं देने को कहा था। किसान नेताओं की दुकानदारों से अपील के बावजूद, शनिवार को राज्य में बड़े पैमाने पर दुकानें बंद रहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो किसान संगठनों के नेताओं ने उनके बयान के बारे में गलतफहमी पैदा की और उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रही किसानों की हलचल के बारे में उनके इरादों पर संदेह जताया।