पटना डेस्क/ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप की शादी में पैरोल मिलने पर पटना पहुंचने के बाद एक तरफ जहां उनके परिजन खुश हैं तो वहीं राजद ने लालू की पैरोल की शर्तों पर सवाल उठाए हैं। राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने पैरोल की शर्तों पर तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद को हाथ-पैर बांधकर पैरोल पर छोड़ा गया है। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने राजद से पैरोल को राजनीतिक एजेंडा नहीं बनाने की सलाह दी।
चारा घोटाले के मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे लालू इन दिनों अपने बेटे तेजप्रताप की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिनों की पैरोल पर पटना में हैं। गुरुवार शाम पैरोल मिलने के बाद लालू पटना पहुंचे थे जहां उनका समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया था। राजद उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि लालू प्रसाद ने पांच दिनों की पैरोल मांगी था लेकिन उन्हें तीन दिन की ही पैरोल दी गई।
उन्होंने कहा, पैरोल के लिए अजीब तरह की शर्तें लगाई है कि वह मीडिया से बात नहीं करेंगे, किसी अन्य समारोह में शामिल नहीं होंगे, कैमरे की नजर में रहेंगे। इस तरह की शर्ते हमने किसी पैरोल में नहीं देखी। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि लालू को जितना दबाने की कोशिश की जाएगी उतना उनमें निखार आएगा।
इधर, जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने शुक्रवार को तिवारी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि लालू को पैरोल पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए दी गई है, इसे राजनीति का एजेंडा नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस चारा घोटाले के मामले में लालू को सजा मिली है, उस घोटाले की जांच की मांग को लेकर दी गई याचिका में याचिकाकर्ता में शिवानंद तिवारी शामिल थे। अब वे ऐसे मामलों को एजेंडा बनाने पर तुले हैं।
उन्होंने तिवारी को राजद और लालू परिवार का दुश्मन बताते हुए कहा, तिवारी राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। ऐसे में वे पैरोल को राजनीति का एजेंडा बनाकर लालू परिवार को मुसीबत में डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों से राजद को भी सावधान रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप और ऐश्वर्या की 12 मई को शादी है। इसी समारोह में भाग लेने के लिए लालू प्रसाद को कई शर्तो पर तीन दिनों की पैरोल मिली है।