नई दिल्ली डेस्क/ जाने माने अर्थशास्त्री और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया का कहना है कि भारत की नई सरकार को राजकोषीय मजबूती के मामले में ठोस प्रतिबद्धता दिखानी होगी। उसे केन्द्रीय मंत्रालयों की संख्या कम करने और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का आक्रामक तरीके से निजीकरण करना होगा।
पनगढ़िया ने कहा है कि नई सरकार को देश की आर्थिक वृद्धि की गति को तेज करने के लिये अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों पर वार्ता के लिये एक नई इकाई बनानी होगी।
पनगढ़िया जनवरी 2015 से लेकर अगस्त 2017 तक नवगठित नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष रहे हैं। वह भारत में 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद सत्ता में आने नई सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको राजकोषीय समेकन के मामले में मजबूत इच्छाशक्ति दिखानी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि निजी क्षेत्र को निवेश के लिये धन की तंगी नहीं हो।’’
पनगढ़िया ने कहा कि नई सरकार के लिये केन्द्रीय मंत्रालयों की संख्या घटाकर 30 करना दूसरा महत्वपूर्ण कार्य होगा। इससे आपकी सरकार का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो जायेगा और प्रशासन क्षमता में सुधार आयेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में किसी भी अन्य देश के मुकाबले अधिक मंत्रालय हैं। बेहतर ढंग से प्रशासन चलाने वाले कई देशों में 30 अथवा इससे कम मंत्रालय हैं जबकि भारत में 50 से अधिक मंत्रालय काम कर रहे हैं।’’