लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वाहन प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार किया है। वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं को रोकने की कवायद के तहत ही यह नया फार्मूला तैयार हुआ है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि गाड़ियों की सर्विसिंग के दौरान ही प्रदूषण जांच की भी सुविधा मिल सकेगी। इससे मौके पर ही खामी को आसानी से दूर किया जा सकेगा।
उप्र के परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में करीब 1,000 सर्विंस सेंटर की सुविधा शुरू करने के लिए विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रदूषण की जांच करने वाले केंद्र वर्तमान में प्रमाण पत्र जारी करने के केवल अड्डे बनकर रह गए हैं। इसके अलावा 20 लाख वाहनों के प्रदूषण की जांच महज 75 केंद्रों पर होने से भी लगातार सवाल उठते रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए परिवहन आयुक्त पी.गुरू प्रसाद ने नई योजना तैयार की है। इसके तहत सर्विस सेंटर्स में वाहनों के प्रदूषण की सही तरीके से जांच हो सकेगी। इसके अतिरिक्त गाड़ी से धुंआ निकलने की खामी को तुरंत दूर किया जा सकेगा।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, नए प्रस्ताव के तहत हर दो किलोमीटर पर एक प्रदूषण जांच केंद्र खोला जाएगा। ऑनलाइन सिस्टम के जरिए सही रिपोर्ट निकलेगी। इतना ही नही प्रदूषण के लिए प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया कैमरे में भी कैद होगी।
इस प्रस्ताव को लेकर उप्र के परिवहन आयुक्त पी.गुरू प्रसाद ने बताया कि चार पहिया वाहनों के डीलर्स को सर्विस सेंटर्स में प्रदूषण नियंत्रण केंद्र खोलने की सुविधा दी जाएगी। इस संबंध में जल्द ही शासन को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके तहत बेरोजगार भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकेंगे।