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यू०पी० में दरोगा और प्लाटून कमांडरों की भर्ती के परिणाम रद्द

यू०पी० में दरोगा और प्लाटून कमांडरों की भर्ती के परिणाम रद्द

लखनऊ डेस्क/ यूपी में 4010 दरोगा व प्लाटून कमांडरों की भर्ती के परिणाम इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज करते हुए इसी मामले में अगस्त 2016 में दिए एक निर्णय में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की पीठ की ओर से 24 अगस्त 2016 को दिए निर्णय के खिलाफ यह विशेष अपील दायर की थी। तब अदालत ने अपने फैसले सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर पद पर भर्ती के लिए जारी परिणामों को मुख्य लिखित परीक्षा के स्तर से खारिज करते हुए, चयन सूची निर्धारित नियमों के अनुसार फिर से जारी करने के निर्देश दिए थे। अपने ताजा निर्णय में जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही और जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि एकल पीठ के निर्णय में असफल अभ्यर्थियों के परिणाम को चुनौती देने को सही माना था। इन अभ्यर्थियों ने चयन प्रक्रिया को नहीं बल्कि चयन के तरीके को चुनौती दी थी। ऐसे में एकल पीठ का निर्णय सही था।

दूसरी ओर कुछ अभ्यर्थियों ने आपत्ति की कि प्रीलिमनिरी टेस्ट में हासिल अंकों को राउंड ऑफ करते हुए मुख्य लिखित परीक्षा की योग्यता निर्धारित कर दी गई। अभ्यर्थियों ने इस पर आपत्ति की थी कि प्रीलिमनरी टेस्ट विद्यार्थियों को आगे के राउंड में शामिल करने के लिए चयन के लिए था, जिसमें 50 प्रतिशत अंक हासिल किए जाने थे। वहीं मुख्य लिखित परीक्षा और ग्रुप डिस्कशन के अंक के आधार पर फाइनल चयन की मेरिट लिस्ट बनाई जानी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि भर्ती बोर्ड ने जिस ढंग से राउंड ऑफ किया उसकी वजह से कई अयोग्य अभ्यर्थी आगे की परीक्षा में शामिल होने का मौका पा गए। केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को पास घोषित किया जाना था जिन्होंने कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्री टेस्ट में हासिल किए, लेकिन 50 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले भी पास घोषित कर दिए गए।

भर्ती बोर्ड ने यूपी पुलिस भर्ती व प्रमोशन बोर्ड के नियम 15-डी का उल्लंघन किया। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि एकल पीठ के निर्णय पर दायर अपील खारिज की जाती है। इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। चयन में महिलाओं, स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व सैनिक, आदि को हारिजॉन्टल रिजर्वेशन वर्ग के अनुसार दिया जाना था। पर इन्हें ओपन कैटेगरी की सीटों पर दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि भर्ती बोर्ड ने इन विशेष वर्गों का चयन अपने-अपने एससी-एसटी, ओबीसी कैटेगरी में किया जाना चाहिए था। चयन प्रक्रिया के दौरान 4010 पदों के लिए 12030 अभ्यर्थियों को पास घोषित करते हुए जीडी के लिए बुलाया जाना था। लेकिन बोर्ड ने 14243 अभ्यर्थियों को बुलाया। जिन अतिरिक्त अभ्यर्थियों को बुलाया गया, उनमें से बहुत से पास घोषित हुए और अंतिम चयन सूची में जगह पाए।

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