वाराणसी डेस्क/ अतिसंवेदनशील काशी विश्वनाथ मंदिर से चंद कदम दूरी पर दालमंडी इलाके में जमीन के नीचे नया बाजार बसा दिया। जमीन के नीचे 20 फीट की गहराई में आठ हजार स्क्वायर फीट की दूरी में बने इस बाजार का खुलासा एसएसपी से की गई गोपनीय शिकायत के बाद हुआ। इस अवैध निर्माण मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। सात नामजद और कई अन्य के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा VDA के दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि तीन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कमिश्नर ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
वाराणसी में बिना परमिशन के बड़े लेवल पर हो रहे इस अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करता नजर आ रहा है। चौक थानाध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से 2 आरोपी लईक अहमद और शाहिद अली को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 5 की तलाश जारी है।
कटरे का मुहाना दालमंडी से शुरू हुआ और करीब दो सौ मीटर की दूरी पर जाकर खत्म हुआ। बेसमेंट में एक दूसरे से जुड़कर कई कटरे बने थे। इसके बाद एसएसपी ने आसपास के अन्य कटरों की छानबीन शुरू की। जैसे-जैसे पड़ताल बढ़ती गई पुलिस की हैरानी भी बढ़ती गई। आलम यह कि मस्जिद के आसपास भी खोदाई कर बेसमेंट में कटरा बनता मिला।
वाराणसी के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण का कहना है कि ये मामला 2013 का है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सबकी जानकारी में भी था। ये एक गंभीर मामला है। इसकी जिम्मेदारी पुलिस और VDA दोनों की थी। फिलहाल दो कर्मचारियों को ससपेंड किया गया है और तीन के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। साथ ही चौक थाना क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में हुए कंस्ट्रक्शन पर VDA से रिपोर्ट तलब की गई है।