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शिक्षा ‘दलगत राजनीति’ का मसला नहीं है : प्रकाश जावड़ेकर

नयी दिल्ली डेस्क / स्मृति ईरानी के दो साल के विवादित कार्यकाल के बाद उनकी जगह लेने वाले नवनियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि शिक्षा ‘दलगत राजनीति’ का मसला नहीं है और वह सभी के सुझावों का स्वागत करेंगे।

जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए और इसे ज्यादा अर्थपूर्ण बनाने के लिए एक विजन है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को ‘बंधनों से मुक्त करने वाली’ और ‘बदलाव के कारक’ के रूप में देखा जाना चाहिए। जावड़ेकर ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री और स्मृति समेत अन्य लोगों के साथ विचार विमर्श करके एक रोडमैप लेकर आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्मृति ईरानी द्वारा उठाए गए कुछ अच्छे कदमों को आगे बढ़ाउंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस :नयी: जिम्मेदारी को विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं और मैं हमारे पहले के मंत्री मुरली मनोहर जोशी से बात करूंगा।’’ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष जोशी इस समय मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा हैं। वह मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में स्मृति का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उन्हें हैदराबाद के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या, जेएनयू प्रकरण और शिक्षा के भगवाकरण के आरोपांे के चलते आलोचना का सामना करना पड़ा। जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा ‘‘दलगत राजनीति का मसला नहीं है।’’ बल्कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और ‘‘हम इसपर हर किसी के साथ चर्चा करेंगे।’’

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