TIL Desk लखनऊ: महिलाओं को लज्जित और अपमानित करने का कांग्रेस का पुराना कल्चर है। भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को मातृ शक्ति के रूप में स्वीकारती है। इसलिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लेकर आती है।
लखपति दीदी योजना लाती है। जहां प्रधानमंत्री महिलाओं के गौरव को बढ़ाने का काम कर रहे है। वहीं महिलाओं का अपमान करने का काम कांग्रेस कर रही है। प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इससे पहले इसी कारण से कांग्रेस छोड़ी थी।
रणदीप सुरजेवाला ने हेमा मालिनी जी पर निर्भरिया अशुभनीय टिप्पणी करी उनकी जो टिप्पणी है वह मैं आपके सामने इस मंच पर नहीं बोलना चाहती हूं। उन्हें मालूम होना चाहिए हेमा मालिनी की कोई ऐसी ही महिला नहीं है उन्होंने बहुत संघर्ष करा है। बॉलीवुड में उनका बहुत नाम है दो बार सांसद रही है भारत ही नहीं विश्व में उनका एक अलग स्थान है।
मेरा यह कहना है कि सुरजेवाला के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके इस कृत्य का संज्ञान ले। सुप्रिया श्रीनेत कंगना राणावत के खिलाफ भी इसी तरह की भद्दी और अभद्र टिप्पणी की थी। सोनिया जी जिस पार्टी की सर्वेसर्वा है उस पार्टी में इस तरह की घटनाएं होना बेहद शर्मनाक और गलत है।
शांति धारीवाल ने भरी सभा में कहा था कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। कमलनाथ जी ने बीजेपी की एक महिला नेता के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया था। इससे पहले भी महिलाओं को चुनाव के लिए सजावट का सामान कहा गया। शशि थरूर ने कहा था कि बीजेपी का बहुत सम्मान है। हमारी चिल्लर भी मिस वर्ल्ड बन गई। इस तरह के तमाम अनर्गल बयान कांग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए हैं।
राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह, आजम खान, इंडिया गठबंधन के सभी नेताओं ने महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की है। डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने पर कहा है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जितना है और हमारा शीर्ष नेतृत्व जो भी फैसला लेगा मैं उसका सम्मान करूंगी। रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ बात करते हुए बताया कि जब दुर्योधन ने महिलाओं का अपमान किया और सुर्जेवाला की तुलना दुर्योधन से की।