पटना डेस्क/ बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने बुधवार को दावा किया है कि तीन ग्रंथ हैं जो समाज में नफरत फैलाते हैं। मंत्री ने दावा किया है कि मनुस्मृति, रामचरित मानस और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवरकर की बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ ने समाज में नफरत फैलाई। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के इस बयान पर बवाल मच सकता है।
बिहार के मंत्री ने कहा है कि नफरत हमारे देश को एक महान राष्ट्र नहीं बना सकती है, केवल प्रेम से ही देश को महान बन सकता है। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) के दीक्षांत समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए चंद्रशेखर यादव ने कहा, इन ग्रंथों ने समाज में नफरत फैलाई है। यही कारण है कि लोगों ने अतीत में मनुस्मृति को जलाया है। मनुस्मृति ने समाज के 85 प्रतिशत लोगों को गाली दी है।
रामचरित मानस में कहा गया है कि निचली जातियों के लोगों को शिक्षा का कोई अधिकार नहीं है। यह बताया गया है कि निचली जाति के लोग शिक्षा हासिल करने के बाद सांप के समान जहरीले हो जाते हैं, जो दूध पीने के बाद और अधिक जहरीले हो जाते हैं। उन्हें अधम जाट (निचली जाति) कहा जाता है।
यादव ने कहा कि विषयवस्तु को ध्यान में रखते हुए बाबासाहेब भीम राव अम्बेडकर ने कहा कि ये पुस्तकें समाज में नफरत फैलाती हैं। पहले युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में राम चरित मानस और तीसरे युग में गोलवरकर की बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ ने नफरत फैलाई है।