पटना डेस्क/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा में शताब्दी स्मृति स्तंभ के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने मंगलवार शाम पटना पहुंचे। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दो मांगें जरूर रखीं, लेकिन लिखा हुआ भाषण पढ़ने में भी वे कई बार अटकते रहे।
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है, इसलिए इसका संदेश पूरे देश में जाना चाहिए। हम अलग-अलग दल से हैं लेकिन हमारी वैचारिक प्रतिस्पर्धा राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में नहीं बदलनी चाहिए। सभी की भागीदारी से ही लोकतंत्र समावेशी होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञ व्यक्तियों को पद्मश्री, पद्म विभूषण इत्यादि सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने की एक स्वस्थ एवं सकारात्मक परंपरा स्थापित की है।
हमारी माँग है कि जननायक कर्पुरी ठाकुर जी को भारत रत्न दिया जाए। तेजस्वी ने कहा कि स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी एंड लेजिस्लेटिव स्टडीज जैसी एक संस्था बिहार में स्थापित हो, जिसके माध्यम से विधायी और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन शोध का अवसर प्रशिक्षण दिया जा सके। उन्होंने कहा कि पूरे देश के जनप्रतिनिधियों और युवाओं को इससे लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के देवघर से सीधे मंगलवार शाम पटना पहुंचे। यहां उन्होंने शताब्दी स्मृति स्तंभ का उद्घाटन किया। इस दौरान राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद रहे। तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री साथ मंच भी साझा किया। तेजस्वी ने कहा कि हमारे पुरखों ने हमें लोकतंत्र की समृद्ध विरासत सौंपी। आवश्यकता है कि हम सब मिलकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करें। विधानसभा के शताब्दी वर्ष में यही चुनौती भी है और अवसर भी।