लखनऊ डेस्क/ मेरठ में आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ उनके ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए पैरवी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके सेल फोन से कॉल और चैट में अधिकारियों के खिलाफ सबूत पाया। इस मामले में शामिल चंदन राय, स्वप्निल राय और अतुल शुक्ला जैसे पत्रकारों के नाम भी एफआईआर में शामिल किए गए हैं। उन सभी पर ‘भ्रष्टाचार के लिए एक सरकारी अधिकारी को उकसाने’ का आरोप है।
गौरतलब है कि आईपीएस अधिकारी और तत्कालीन नोएडा पुलिस प्रमुख वैभव कृष्ण की एक लड़की के साथ की चैटिंग के तीन वीडियो कुछ महीने पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए थे। अधिकारी ने इसे ‘स्पष्ट’ करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी और कहा था कि उनकी छवि को धूमिल करने के लिए वीडियो को ‘जानबूझकर छेड़छाड़ कर पेश’ किया गया था।
कृष्णा ने पुलिस उपमहानिरीक्षक और मुख्य सचिव (गृह) से भी शिकायत की थी और दावा किया था कि उन्होंने तत्कालीन नोएडा एसएसपी अजय पाल शर्मा और अन्य अधिकारियों सुधीर सिंह, राजीव नारायण मिश्रा, गणेश शाहा और हिमांशु कुमार की पोस्टिंग की पैरवी में शामिल पांच पत्रकारों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। कृष्ण को इस साल की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था।